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Showing posts from October, 2021

ग़ज़ल कैसे लिखते हैं? – सबक २ | ग़ज़ल कैसे लिखें | ग़ज़ल लिखना सीखें

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पिछले ब्लॉग में हम ने उर्दू काव्य शास्त्र से संबंधित कुछ बुनियादी शब्दों को जाना; अब मैं ये मान के चलता हूँ कि पिछले पाठ में सिखाई बुनियादी बातों को आप समझ चुके हैं। तो आगे बढ़ते हुए मैं आज ‘ग़ज़ल’ और ‘बहर’ पर चर्चा करूँगा, तो चलिए देखते हैं ‘ग़ज़ल’ क्या है और इसमें ‘बहर’ के क्या मायने हैं– “एक ही बहर, रदीफ़ और हम-क़ाफ़िया के साथ लिखे अश'आर (शेर का बहुवचन) का समूह ही ग़ज़ल है।” *रदीफ़ और क़ाफ़िया को हम पिछले पाठ में समझ चुके हैं। *बहर को समझने के लिए चलिए पहले ग़ज़ल से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें/शर्तें  देख लेते हैं जिन्हें तरतीब से मिलाकर ग़ज़ल तैयार होती है– 1.) मतला : ये ग़ज़ल का पहला शेर होता है। इसकी ख़ासियत ये है कि इसके दोनों मिसरों(दोनों पंक्तियों) में रदीफ़ और क़ाफ़िया होता है। ‘मतला’ के बाद आने वाले सभी शेर में सिर्फ दूसरी पंक्ति में ही रदीफ़ और क़ाफ़िया होते हैं। उदाहरण से समझें– मैं चाहता हूँ कि दिल में तिरा ख़याल न हो अजब नहीं कि मिरी ज़िंदगी वबाल न हो मैं चाहता हूँ तू यक-दम ही छोड़ जाए मुझे ये हर घड़ी तिरे जाने का एहतिमाल न हो शायर : जव्वाद शैख *इसमें "न हो"...

गबन - मुंशी प्रेमचंद | सारांश | Gaban by Munshi Premchand | summary in Hindi | Lekhak Suyash

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"गबन" उपन्यास का सारंश नमस्कार दोस्तों ! मैं 'लेखक सुयश' , आज की इस पोस्ट में मुंशी प्रेमचंद जी के एक सुप्रसिद्ध उपन्यास "गबन" को आसान से आसान भाषा में summarize करने की कोशिश की है, hope आप के लिये कुछ helpful हो। तो चलिये शुरू करते हैं ; गबन उपन्यास की कहानी एक जलपा नाम की बच्ची से शुरू होती है वो बच्ची मानकी और दीन दयाल की बेटी है, दीन दयाल जी हमेशा ये सोचते थे कि बच्ची को खिलोनो से ज्यादा jeweller को time देना चाहिए। क्युकी आगे चलकर वो औरत होने वाली है और खिलोनो में वो बात नहीं है। इसलिए दीन दयाल जी कही भी जालपा के लिए jewellery जरूर लेके आते बचपन से ही जालपा को गहनों से बहुत ही प्यार होने लगा उसकी माँ को भी गहनों से बहुत प्यार था और वो आये दिन उसे कुछ न कुछ दिलाती रहती थी। तो जालपा के पास एक नकली चन्द्र हार था जो कि उसे बहुत ही ज़्यादा पसन्द था। एक दिन जालपा के पिता अपनी पत्नी के लिए सच मुच का असली वाला चन्द्र हार लेकर आये तो जालपा की आँखों पर वो चढ़ गया उसने पापा से बोला आप मेरे लिए भी ऐसे हार बनवा दो और ज़िद करने लगी इस पर उसकी माँ ने समझा...